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 سورة القيامه-ترجمه هنديه

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moon_light3
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sms sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ


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مُساهمةموضوع: سورة القيامه-ترجمه هنديه   سورة القيامه-ترجمه هنديه Emptyالسبت سبتمبر 08, 2012 3:41 pm

﴿
بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ ﴾


لَا
أُقْسِمُ بِيَوْمِ الْقِيَامَةِ ﴿1﴾
وَلَا أُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ ﴿2﴾
أَيَحْسَبُ الْإِنسَانُ أَلَّن نَجْمَعَ عِظَامَهُ ﴿3﴾
بَلَى قَادِرِينَ عَلَى أَن نُّسَوِّيَ بَنَانَهُ ﴿4﴾
بَلْ يُرِيدُ الْإِنسَانُ لِيَفْجُرَ أَمَامَهُ ﴿5﴾
يَسْأَلُ أَيَّانَ يَوْمُ الْقِيَامَةِ ﴿6﴾
فَإِذَا بَرِقَ الْبَصَرُ ﴿7﴾
وَخَسَفَ الْقَمَرُ ﴿8﴾ وَجُمِعَ
الشَّمْسُ وَالْقَمَرُ ﴿9﴾
يَقُولُ الْإِنسَانُ يَوْمَئِذٍ أَيْنَ الْمَفَرُّ ﴿10﴾
كَلَّا لَا وَزَرَ ﴿11﴾ إِلَى
رَبِّكَ يَوْمَئِذٍ الْمُسْتَقَرُّ ﴿12﴾
يُنَبَّأُ الْإِنسَانُ يَوْمَئِذٍ بِمَا قَدَّمَ وَأَخَّرَ ﴿13﴾ بَلِ الْإِنسَانُ عَلَى نَفْسِهِ
بَصِيرَةٌ ﴿14﴾ وَلَوْ أَلْقَى
مَعَاذِيرَهُ ﴿15﴾ لَا تُحَرِّكْ
بِهِ لِسَانَكَ لِتَعْجَلَ بِهِ ﴿16﴾
إِنَّ عَلَيْنَا جَمْعَهُ وَقُرْآنَهُ ﴿17﴾
فَإِذَا قَرَأْنَاهُ فَاتَّبِعْ قُرْآنَهُ ﴿18﴾
ثُمَّ إِنَّ عَلَيْنَا بَيَانَهُ ﴿19﴾
كَلَّا بَلْ تُحِبُّونَ الْعَاجِلَةَ ﴿20﴾
وَتَذَرُونَ الْآخِرَةَ ﴿21﴾
وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ نَّاضِرَةٌ ﴿22﴾
إِلَى رَبِّهَا نَاظِرَةٌ ﴿23﴾
وَوُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ بَاسِرَةٌ ﴿24﴾
تَظُنُّ أَن يُفْعَلَ بِهَا فَاقِرَةٌ ﴿25﴾
كَلَّا إِذَا بَلَغَتْ التَّرَاقِيَ ﴿26﴾
وَقِيلَ مَنْ رَاقٍ ﴿27﴾ وَظَنَّ
أَنَّهُ الْفِرَاقُ ﴿28﴾
وَالْتَفَّتِ السَّاقُ بِالسَّاقِ ﴿29﴾
إِلَى رَبِّكَ يَوْمَئِذٍ الْمَسَاقُ ﴿30﴾
فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلَّى ﴿31﴾
وَلَكِن كَذَّبَ وَتَوَلَّى ﴿32﴾
ثُمَّ ذَهَبَ إِلَى أَهْلِهِ يَتَمَطَّى ﴿33﴾
أَوْلَى لَكَ فَأَوْلَى ﴿34﴾
ثُمَّ أَوْلَى لَكَ فَأَوْلَى ﴿35﴾
أَيَحْسَبُ الْإِنسَانُ أَن يُتْرَكَ سُدًى ﴿36﴾
أَلَمْ يَكُ نُطْفَةً مِّن مَّنِيٍّ يُمْنَى ﴿37﴾
ثُمَّ كَانَ عَلَقَةً فَخَلَقَ فَسَوَّى ﴿38﴾
فَجَعَلَ مِنْهُ الزَّوْجَيْنِ الذَّكَرَ وَالْأُنثَى ﴿39﴾
أَلَيْسَ ذَلِكَ بِقَادِرٍ عَلَى أَن يُحْيِيَ الْمَوْتَى ﴿40﴾








नम्बर
७५ सुरह
कियामः पुनरूत्थान
Al-Qiyaama



अल्लाह, तो
परोपकारी है
, दयालु
के नाम पर.


(1) इनकार!
मैं
पुनरूत्थान
के दिन की कसम
खाता हूँ.



(2) इनकार! मैं
स्वयं आत्मा
पर आरोप लगा
कर कसम खाता
हूँ.



(3) आदमी
करता है
कि हम
अपनी
हड्डियों को
इकट्ठा नहीं
किया जाएगा
लगता है
?


(4) Yea! हम
उसके
बहुत fingertips पूरा
कर पा रहे हैं



(5) इनकार!
आदमी इच्छाओं
क्या उससे
पहले है करने
के लिए झूठ
देना.



(6) वह
पूछता है: जब
पुनरूत्थान
के दिन है
?


(7) तो जब
दृष्टि
, घबड़ाया हुआ
हो जाता है



(8) और
चाँद
, अंधेरा हो
जाता है



(9) और
सूरज और चाँद
को एक
साथ ले आए
हैं
,


(10) मनुष्य
उस
दिन
कहें:
Whither को उड़ाने
के लिए
?


(11) किसी
भी तरह से
नहीं! वहाँ
शरण की कोई
जगह नहीं होनी
चाहिए!



(12) अपने
प्रभु के साथ
अकेले ही होगा
पर उस दिन आराम
की जगह हो.



(13) मनुष्य
पर उस दिन वह
पहले क्या
भेजा और सूचित
किया जाएगा (वह)
जो बंद कर
दिया.


(14) इनकार!
आदमी खुद के
खिलाफ
सबूत
है
,


(15) हालांकि
वह आगे अपने
बहाने
डालता है.



(16) के
साथ इसके साथ
जल्दबाजी
करने के लिए
अपनी जीभ चाल
नहीं
, करो


(17) निश्चित
करें (
devolves)
इसे
के एकत्रित और
के बारे में
पढ़ के.



(18) इसलिए
जब हम इसे पाठ
है
, इसका
सस्वर पाठ का
अनुसरण करें.



(19) एक
बार फिर हम पर
(devolves)
ने
इसे समझा.



(20) इनकार!
लेकिन तुम
, वर्तमान
जीवन से प्यार



(21) और
उपेक्षा के
बाद.



(22) (कुछ) उस दिन
चेहरे
, उज्ज्वल
हो जाएगा



(23) अपने
प्रभु को
देखकर.



(24) और () दूसरे
उस
दिन
चेहरे
, उदास किया
जाएगा



(25) है कि
वहाँ के लिए
उन्हें कुछ
महान आपदा
घटित होना
बनाया जाएगा
जानते.



(26) इनकार!
जब यह गले के
लिए, ऊपर आता
है



(27) और ये
कहा जाता है:
एक
जादूगर कौन
होगा
?


(28) और वह
है कि यह के
(घंटा
है) अलग
जरूर है



(29) और
दुेख दुेख के
साथ
संयुक्त
है
;


(30) करने
के लिए
अपने
प्रभु उस दिन
पर चला जाएगा.



(31) तो वह
सच्चाई को
स्वीकार नहीं
किया
, और न ही
प्रार्थना
, वह
किया



(32) पर सच
झूठ कहा और
वापस कर
दिया,


(33) तब वह
अपने
अनुयायियों
के पास गया
, दूर
अहंकार में चल
रहा है.



(34) पास
करने के लिए
आप (विनाश
होता है)
और पास
,


(35) एक
बार
फिर (आप
और कैसे)
पास करने के
लिए विचार
पास.



(36) आदमी
करता है कि वह
एक उद्देश्य
के बिना भटकने
के लिए छोड़
दिया जाना है
?


(37) को
उपजाऊ
तत्वों
में वह नहीं
एक छोटे बीज
, था


(38) तब वह
खून का एक
थक्का था
, इसलिए
वह (उसे) तो बना
बनाया (उसे
परिपूर्ण).



(39) तो वह
उसके बारे में
दो प्रकार की
है
, नर और
मादा बनाया.



(40) वह
मृतकों
की
जिंदगी देने
के लिए सक्षम
नहीं है
?
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اللهم اجعل حضوري في قلوب الناس
كـ المطر يبعث الربيع ويسقي العطشى

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مُساهمةموضوع: رد: سورة القيامه-ترجمه هنديه   سورة القيامه-ترجمه هنديه Emptyالسبت سبتمبر 08, 2012 7:55 pm

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مُساهمةموضوع: رد: سورة القيامه-ترجمه هنديه   سورة القيامه-ترجمه هنديه Emptyالأحد سبتمبر 09, 2012 4:42 am

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