moon_light3 نائبة المديرة
sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
الجنس : عدد المساهمات : 31908 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : القفطان المغربي العمل/الترفيه : طالبه المزاج : هادئه جدا
| موضوع: سورة الجاثيه-ترجمه هنديه الأربعاء سبتمبر 12, 2012 6:57 am | |
| ﴿ بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ ﴾حم ﴿1﴾ تَنزِيلُ الْكِتَابِ مِنَ اللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ ﴿2﴾ إِنَّ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ لَآيَاتٍ لِّلْمُؤْمِنِينَ ﴿3﴾ وَفِي خَلْقِكُمْ وَمَا يَبُثُّ مِن دَابَّةٍ آيَاتٌ لِّقَوْمٍ يُوقِنُونَ ﴿4﴾ وَاخْتِلَافِ اللَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَمَا أَنزَلَ اللَّهُ مِنَ السَّمَاء مِن رِّزْقٍ فَأَحْيَا بِهِ الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَتَصْرِيفِ الرِّيَاحِ آيَاتٌ لِّقَوْمٍ يَعْقِلُونَ ﴿5﴾ تِلْكَ آيَاتُ اللَّهِ نَتْلُوهَا عَلَيْكَ بِالْحَقِّ فَبِأَيِّ حَدِيثٍ بَعْدَ اللَّهِ وَآيَاتِهِ يُؤْمِنُونَ ﴿6﴾ وَيْلٌ لِّكُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ ﴿7﴾ يَسْمَعُ آيَاتِ اللَّهِ تُتْلَى عَلَيْهِ ثُمَّ يُصِرُّ مُسْتَكْبِرًا كَأَن لَّمْ يَسْمَعْهَا فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ ﴿8﴾ وَإِذَا عَلِمَ مِنْ آيَاتِنَا شَيْئًا اتَّخَذَهَا هُزُوًا أُوْلَئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِينٌ ﴿9﴾ مِن وَرَائِهِمْ جَهَنَّمُ وَلَا يُغْنِي عَنْهُم مَّا كَسَبُوا شَيْئًا وَلَا مَا اتَّخَذُوا مِن دُونِ اللَّهِ أَوْلِيَاء وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ ﴿10﴾ هَذَا هُدًى وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِ رَبِّهِمْ لَهُمْ عَذَابٌ مَّن رِّجْزٍ أَلِيمٌ ﴿11﴾ اللَّهُ الَّذِي سخَّرَ لَكُمُ الْبَحْرَ لِتَجْرِيَ الْفُلْكُ فِيهِ بِأَمْرِهِ وَلِتَبْتَغُوا مِن فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ ﴿12﴾ وَسَخَّرَ لَكُم مَّا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ جَمِيعًا مِّنْهُ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَاتٍ لَّقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ ﴿13﴾ قُل لِّلَّذِينَ آمَنُوا يَغْفِرُوا لِلَّذِينَ لا يَرْجُون أَيَّامَ اللَّهِ لِيَجْزِيَ قَوْمًا بِما كَانُوا يَكْسِبُونَ ﴿14﴾ مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهِ وَمَنْ أَسَاء فَعَلَيْهَا ثُمَّ إِلَى رَبِّكُمْ تُرْجَعُونَ ﴿15﴾ وَلَقَدْ آتَيْنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ الْكِتَابَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ وَرَزَقْنَاهُم مِّنَ الطَّيِّبَاتِ وَفَضَّلْنَاهُمْ عَلَى الْعَالَمِينَ ﴿16﴾ وَآتَيْنَاهُم بَيِّنَاتٍ مِّنَ الْأَمْرِ فَمَا اخْتَلَفُوا إِلَّا مِن بَعْدِ مَا جَاءهُمْ الْعِلْمُ بَغْيًا بَيْنَهُمْ إِنَّ رَبَّكَ يَقْضِي بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِيمَا كَانُوا فِيهِ يَخْتَلِفُونَ ﴿17﴾ ثُمَّ جَعَلْنَاكَ عَلَى شَرِيعَةٍ مِّنَ الْأَمْرِ فَاتَّبِعْهَا وَلَا تَتَّبِعْ أَهْوَاء الَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ ﴿18﴾ إِنَّهُمْ لَن يُغْنُوا عَنكَ مِنَ اللَّهِ شَيئًا وإِنَّ الظَّالِمِينَ بَعْضُهُمْ أَوْلِيَاء بَعْضٍ وَاللَّهُ وَلِيُّ الْمُتَّقِينَ ﴿19﴾ هَذَا بَصَائِرُ لِلنَّاسِ وَهُدًى وَرَحْمَةٌ لِّقَوْمِ يُوقِنُونَ ﴿20﴾ أًمْ حَسِبَ الَّذِينَ اجْتَرَحُوا السَّيِّئَاتِ أّن نَّجْعَلَهُمْ كَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَوَاء مَّحْيَاهُم وَمَمَاتُهُمْ سَاء مَا يَحْكُمُونَ ﴿21﴾ وَخَلَقَ اللَّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ بِالْحَقِّ وَلِتُجْزَى كُلُّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ وَهُمْ لَا يُظْلَمُونَ ﴿22﴾ أَفَرَأَيْتَ مَنِ اتَّخَذَ إِلَهَهُ هَوَاهُ وَأَضَلَّهُ اللَّهُ عَلَى عِلْمٍ وَخَتَمَ عَلَى سَمْعِهِ وَقَلْبِهِ وَجَعَلَ عَلَى بَصَرِهِ غِشَاوَةً فَمَن يَهْدِيهِ مِن بَعْدِ اللَّهِ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ ﴿23﴾ وَقَالُوا مَا هِيَ إِلَّا حَيَاتُنَا الدُّنْيَا نَمُوتُ وَنَحْيَا وَمَا يُهْلِكُنَا إِلَّا الدَّهْرُ وَمَا لَهُم بِذَلِكَ مِنْ عِلْمٍ إِنْ هُمْ إِلَّا يَظُنُّونَ ﴿24﴾ وَإِذَا تُتْلَى عَلَيْهِمْ آيَاتُنَا بَيِّنَاتٍ مَّا كَانَ حُجَّتَهُمْ إِلَّا أَن قَالُوا ائْتُوا بِآبَائِنَا إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ ﴿25﴾ قُلِ اللَّهُ يُحْيِيكُمْ ثُمَّ يُمِيتُكُمْ ثُمَّ يَجْمَعُكُمْ إِلَى يَوْمِ الْقِيَامَةِ لَا رَيبَ فِيهِ وَلَكِنَّ أَكَثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ ﴿26﴾ وَلَلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرضِ وَيَومَ تَقُومُ السَّاعَةُ يَوْمَئِذٍ يَخْسَرُ الْمُبْطِلُونَ ﴿27﴾ وَتَرَى كُلَّ أُمَّةٍ جَاثِيَةً كُلُّ أُمَّةٍ تُدْعَى إِلَى كِتَابِهَا الْيَوْمَ تُجْزَوْنَ مَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ ﴿28﴾ هَذَا كِتَابُنَا يَنطِقُ عَلَيْكُم بِالْحَقِّ إِنَّا كُنَّا نَسْتَنسِخُ مَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ ﴿29﴾ فَأَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَيُدْخِلُهُمْ رَبُّهُمْ فِي رَحْمَتِهِ ذَلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْمُبِينُ ﴿30﴾ وَأَمَّا الَّذِينَ كَفَرُوا أَفَلَمْ تَكُنْ آيَاتِي تُتْلَى عَلَيْكُمْ فَاسْتَكْبَرْتُمْ وَكُنتُمْ قَوْمًا مُّجْرِمِينَ ﴿31﴾ وَإِذَا قِيلَ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ وَالسَّاعَةُ لَا رَيْبَ فِيهَا قُلْتُم مَّا نَدْرِي مَا السَّاعَةُ إِن نَّظُنُّ إِلَّا ظَنًّا وَمَا نَحْنُ بِمُسْتَيْقِنِينَ ﴿32﴾ وَبَدَا لَهُمْ سَيِّئَاتُ مَا عَمِلُوا وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِؤُون ﴿33﴾ وَقِيلَ الْيَوْمَ نَنسَاكُمْ كَمَا نَسِيتُمْ لِقَاء يَوْمِكُمْ هَذَا وَمَأْوَاكُمْ النَّارُ وَمَا لَكُم مِّن نَّاصِرِينَ ﴿34﴾ ذَلِكُم بِأَنَّكُمُ اتَّخَذْتُمْ آيَاتِ اللَّهِ هُزُوًا وَغَرَّتْكُمُ الْحَيَاةُ الدُّنْيَا فَالْيَوْمَ لَا يُخْرَجُونَ مِنْهَا وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ ﴿35﴾ فَلِلَّهِ الْحَمْدُ رَبِّ السَّمَاوَاتِ وَرَبِّ الْأَرْضِ رَبِّ الْعَالَمِينَ ﴿36﴾ وَلَهُ الْكِبْرِيَاء فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ ﴿37﴾ अल्लाह, तो परोपकारी है, दयालु के नाम पर. (1) हा मीम . (इस पुस्तक की 2) इस रहस्योद्घाटन अल्लाह, शक्तिशाली, बुद्धिमान से है. पृथ्वी आकाश (3) ज्यादातर निश्चित रूप से और वहाँ के विश्वासियों के लिए संकेत कर रहे हैं. (4) और तुम्हारी (स्वयं में) रचना और वह विदेश में पशुओं वहाँ से क्या फैलाता है कि यकीन कर रहे हैं लोगों के लिए एक लक्षण हैं; (5) और (के) रात और दिन के परिवर्तन, और (में) अल्लाह नीचे उपजीवन के बादल से, तो देती है इस पृथ्वी को अपनी मौत के बाद, और जीवन का क्या भेजता है (के) को बदलने की हवाओं का , कोई है जो समझ में लोगों के लिए एक संकेत कर रहे हैं. (6) यह अल्लाह की हम आप को सच के साथ जो पाठ का संचार कर रहे हैं, तो घोषणा वे अल्लाह और उसका संचार के बाद क्या विश्वास होता है? (7) हर पापी झूठा पर हाय, (8) कौन अल्लाह का संचार सुनता है उसे करने के लिए पाठ, तो गर्व है कि वह उन्हें सुना नहीं था persists, तो उसके पास एक दर्दनाक सजा की घोषणा. (9) और जब वह किसी भी हमारी संचार का पता चला, तो वह एक हंसी के लिए ले जाता है, यह है कि अनुशासनात्मक सज़ा abasing होगा है. (10) से पहले उन्हें नरक है, और वहाँ उन्हें लाभ नहीं होगा कि वे क्या अर्जित की कुछ, और न ही उन वे अल्लाह के अलावा अभिभावकों के लिए किसे ले लिया, और वे एक गंभीर सजा होगा. (11) यह मार्गदर्शन है; और (के रूप में करने के लिए) जो अपने प्रभु के संचार में नास्तिकता करना, वे अशुद्धता के कारण एक दर्दनाक सजा होगा. (12) अल्लाह वह तुम्हें कौन समुद्र कि जहाज उसमें उसकी कमान द्वारा चलाए मई अधीन है, और कर दिया है कि आप उसकी दया की तलाश सकते हैं, और कहा कि तुम धन्यवाद दे सकता है. (13) और वह तुमसे अधीन कर दिया है कुछ स्वर्ग में है और कुछ को पृथ्वी में, सभी, अपने आप से है, सबसे निश्चित रूप से कोई है जो प्रतिबिंबित एक लोगों के लिए इस में संकेत कर रहे हैं. (14) जो लोग विश्वास करने के लिए कहो (कि) वे जो लोग अल्लाह के दिनों है कि वह वे क्या कमाने के लिए लोगों को इनाम मई का डर नहीं है माफ. तो आप अपने - प्रभु को वापस लाया जाएगा (15) जो भी अच्छा होता है, वह अपनी ही आत्मा के लिए है, और जो कोई बुराई करता है, उसे खुद के खिलाफ है. (16) और निश्चित रूप से हम इस पुस्तक और बुद्धि और इज़राइल के बच्चों के लिए भविष्यवाणी दिया, और हम उन्हें सुडौल बातों का दिया था, और हम उन्हें जातियों Excel बनाया. (17) और हम उन्हें इस संबंध में स्पष्ट तर्क दिया था, लेकिन वे अलग नहीं था, जब तक ज्ञान के बाद निश्चित रूप से अपने-प्रभु उनके बीच पुनरूत्थान के दिन के विषय पर कि जिसमें वे मतभेद न्यायाधीश करेंगे उन्हें ईर्ष्या से आपस में करने के लिए, आया था. (18) तो हम आपको इस संबंध में एक पाठ्यक्रम का अनुसरण किया है, इसलिए है, और इसे का पालन करें जो लोग नहीं जानते के कम इच्छाओं का पालन नहीं करते. (19) ने अल्लाह के खिलाफ कम से कम में निश्चित रूप से वे लाभ नहीं होगा तुम, और निश्चित रूप से अन्यायपूर्ण एक दूसरे के दोस्त हैं, और अल्लाह जो बुराई () के खिलाफ की रक्षा के संरक्षक है. (20) इन पुरुषों के लिए स्पष्ट सबूत हैं, और एक मार्गदर्शन और एक दया कौन यकीन कर रहे हैं एक लोगों के लिए. (21) इनकार! कि हम जो करते हैं और अच्छी तरह उन पर विश्वास करना होगा - कि उनके जीवन और उनकी मौत के बराबर हो जाएगा लगता है कि जो लोग बुरे कर्मों wrought है? ईविल यह है कि वे न्याय है. (22) और अल्लाह आकाश बनाया और सच्चाई के साथ पृथ्वी और कहा कि हर आत्मा और जो अर्जित किए हैं वे गलत नहीं किया जाएगा के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है. (23) आप तो उसे जो अपने देवता के लिए अपनी इच्छा कम लेता माना है, और अल्लाह उसे ज्ञान और उसके कान और उनके दिल और डाल पर एक सील कर रखा है अं बनाया है एक को कवर किया है उसकी आंखों पर. कौन तो अल्लाह के बाद उसे मार्गदर्शन कर सकते हैं? तुम तो सचेत नहीं होंगे? (24) और वे कहते हैं: इस दुनिया में, लेकिन हमारे जीवन की कोई बात नहीं है, हम रहते हैं और मर जाते है और हमें कुछ भी नहीं है, लेकिन समय नष्ट कर देता है, और वे इस बात का ज्ञान नहीं है, वे केवल अनुमान. (वापस) यदि आप सच्चे हैं (25) और जब हमारी स्पष्ट संचार उन्हें पाठ कर रहे हैं, उनके तर्क को किसी अन्य की अपेक्षा है कि वे कहते हैं: अपने पिता के लाओ है. (26) कहो: अल्लाह तुम्हें जीवन देती है, तो वह तुम्हें मरना है, तो वह जी उठने के दिन के लिए, जिसमें कोई संदेह नहीं है तुम इकट्ठा करेंगे, लेकिन करता है ज्यादातर लोगों को नहीं जानता. (27) और अल्लाह का स्वर्ग और पृथ्वी का राज्य है, और दिन जब घंटा पारित करने के लिए, उस दिन वे जो झूठी बातें नाश करेगा आ जाएगा. (28) और तुम हर राष्ट्र नीचे घुटना टेककर देखेंगे, हर देश को बुलाया जाएगा अपनी किताब के लिए: क्या आप जो किया उसके लिए पुरस्कृत किया जाएगा आज. (29) यह है कि आप के खिलाफ न्याय के साथ बात करते हैं हमारी किताब है, निश्चित रूप से हम आपको क्या किया था, ने लिखा है (30) के रूप में तो जो लोग और अच्छा किया विश्वास करने के लिए, उनके भगवान उन्हें उनकी दया में प्रवेश कर जाएगा कि मैनिफ़ेस्ट उपलब्धि है. (31) के रूप में जो disbelieved: करने के लिए क्या! नहीं मेरे संचार आपको पाठ रहे थे? पर तुम पर गर्व किया गया है और आप एक दोषी लोग थे. (32) और जब यह, अल्लाह का निश्चित रूप से वादा कहा था सच है और के रूप में घंटे के लिए, वहाँ इस बारे में कोई संदेह नहीं है, तो आप ने कहा: हम इस समय क्या है पता नहीं है, हम (है कि यह आ जाएगा नहीं लगता पास करने के लिए) एक गुजर सोचा बचा है, और यकीन है कि हम सभी कर रहे हैं नहीं है. (33) और क्या वे उन से प्रकट हो जाना चाहिए था की बुराई (परिणाम) और जो कि वे उन्हें घेर जाएगा मज़ाक उड़ाया. (34) और यह कहा जाएगा: के रूप में आप और आपके इस दिन की बैठक की उपेक्षा अपने निवास आग है आज हम, और आप त्यागना वहाँ आप के लिए कोई मदद नहीं कर रहे हैं: क्योंकि तुम एक हंसी के लिए और इस विश्व के जीवन अल्लाह का संचार ली (35) यह है तुम्हें धोखा दिया. तो उस दिन वे आगे से लाया नहीं होगा पर, और न ही वे सद्भावना प्रदान किया जाएगा. (36) अल्लाह इसलिए करने के लिए (सभी) स्तुति, यहोवा आकाश की और प्रभु पृथ्वी के कारण होता है, भगवान ने दुनिया की. (37) और उसके आकाश और पृथ्वी में महानता है, और वह शक्तिशाली है, समझदार है. | |
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روعة المنتدى نائبة المديرة
sms : الجنس : عدد المساهمات : 35966 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : بين من اختارهم قلبي العمل/الترفيه : مشرفه سابقا قسم الحمل والولاده والاستشارات الطبيه المزاج : هادئة جدا.
| موضوع: رد: سورة الجاثيه-ترجمه هنديه الخميس سبتمبر 13, 2012 5:42 am | |
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moon_light3 نائبة المديرة
sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
الجنس : عدد المساهمات : 31908 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : القفطان المغربي العمل/الترفيه : طالبه المزاج : هادئه جدا
| موضوع: رد: سورة الجاثيه-ترجمه هنديه الخميس سبتمبر 13, 2012 5:54 am | |
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د.بشرى ادارة المنتدى ودكتورة طب عام
sms : لا تنس ذكر الله. الجنس : عدد المساهمات : 39326 تاريخ التسجيل : 09/06/2011 العمل/الترفيه : طبيبة عامة في القطاع الخاص. المزاج : هادئة جدا.
| موضوع: رد: سورة الجاثيه-ترجمه هنديه السبت أكتوبر 06, 2012 5:26 pm | |
| طرح مميز جدا حبيبتي مووووووووووووووووووووون.. جعله الله في ميزان حسناتك ورزقك الفردوس الأعلى. | |
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moon_light3 نائبة المديرة
sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
الجنس : عدد المساهمات : 31908 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : القفطان المغربي العمل/الترفيه : طالبه المزاج : هادئه جدا
| موضوع: رد: سورة الجاثيه-ترجمه هنديه الثلاثاء نوفمبر 06, 2012 6:46 am | |
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