moon_light3 نائبة المديرة
sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
الجنس : عدد المساهمات : 31908 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : القفطان المغربي العمل/الترفيه : طالبه المزاج : هادئه جدا
| موضوع: سورة السجده-ترجمه هنديه الأربعاء سبتمبر 12, 2012 11:20 am | |
| ﴿ بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ ﴾الم ﴿1﴾ تَنزِيلُ الْكِتَابِ لَا رَيْبَ فِيهِ مِن رَّبِّ الْعَالَمِينَ ﴿2﴾ أَمْ يَقُولُونَ افْتَرَاهُ بَلْ هُوَ الْحَقُّ مِن رَّبِّكَ لِتُنذِرَ قَوْمًا مَّا أَتَاهُم مِّن نَّذِيرٍ مِّن قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ يَهْتَدُونَ ﴿3﴾ اللَّهُ الَّذِي خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا فِي سِتَّةِ أَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوَى عَلَى الْعَرْشِ مَا لَكُم مِّن دُونِهِ مِن وَلِيٍّ وَلَا شَفِيعٍ أَفَلَا تَتَذَكَّرُونَ ﴿4﴾ يُدَبِّرُ الْأَمْرَ مِنَ السَّمَاء إِلَى الْأَرْضِ ثُمَّ يَعْرُجُ إِلَيْهِ فِي يَوْمٍ كَانَ مِقْدَارُهُ أَلْفَ سَنَةٍ مِّمَّا تَعُدُّونَ ﴿5﴾ ذَلِكَ عَالِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ ﴿6﴾ الَّذِي أَحْسَنَ كُلَّ شَيْءٍ خَلَقَهُ وَبَدَأَ خَلْقَ الْإِنسَانِ مِن طِينٍ ﴿7﴾ ثُمَّ جَعَلَ نَسْلَهُ مِن سُلَالَةٍ مِّن مَّاء مَّهِينٍ ﴿8﴾ ثُمَّ سَوَّاهُ وَنَفَخَ فِيهِ مِن رُّوحِهِ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْأَبْصَارَ وَالْأَفْئِدَةَ قَلِيلًا مَّا تَشْكُرُونَ ﴿9﴾ وَقَالُوا أَئِذَا ضَلَلْنَا فِي الْأَرْضِ أَئِنَّا لَفِي خَلْقٍ جَدِيدٍ بَلْ هُم بِلِقَاء رَبِّهِمْ كَافِرُونَ ﴿10﴾ قُلْ يَتَوَفَّاكُم مَّلَكُ الْمَوْتِ الَّذِي وُكِّلَ بِكُمْ ثُمَّ إِلَى رَبِّكُمْ تُرْجَعُونَ ﴿11﴾ وَلَوْ تَرَى إِذِ الْمُجْرِمُونَ نَاكِسُو رُؤُوسِهِمْ عِندَ رَبِّهِمْ رَبَّنَا أَبْصَرْنَا وَسَمِعْنَا فَارْجِعْنَا نَعْمَلْ صَالِحًا إِنَّا مُوقِنُونَ ﴿12﴾ وَلَوْ شِئْنَا لَآتَيْنَا كُلَّ نَفْسٍ هُدَاهَا وَلَكِنْ حَقَّ الْقَوْلُ مِنِّي لَأَمْلَأَنَّ جَهَنَّمَ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ أَجْمَعِينَ ﴿13﴾ فَذُوقُوا بِمَا نَسِيتُمْ لِقَاء يَوْمِكُمْ هَذَا إِنَّا نَسِينَاكُمْ وَذُوقُوا عَذَابَ الْخُلْدِ بِمَا كُنتُمْ تَعْمَلُونَ ﴿14﴾ إِنَّمَا يُؤْمِنُ بِآيَاتِنَا الَّذِينَ إِذَا ذُكِّرُوا بِهَا خَرُّوا سُجَّدًا وَسَبَّحُوا بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَهُمْ لَا يَسْتَكْبِرُونَ سجدة واجبة ﴿15﴾ تَتَجَافَى جُنُوبُهُمْ عَنِ الْمَضَاجِعِ يَدْعُونَ رَبَّهُمْ خَوْفًا وَطَمَعًا وَمِمَّا رَزَقْنَاهُمْ يُنفِقُونَ ﴿16﴾ فَلَا تَعْلَمُ نَفْسٌ مَّا أُخْفِيَ لَهُم مِّن قُرَّةِ أَعْيُنٍ جَزَاء بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ ﴿17﴾ أَفَمَن كَانَ مُؤْمِنًا كَمَن كَانَ فَاسِقًا لَّا يَسْتَوُونَ ﴿18﴾ أَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ جَنَّاتُ الْمَأْوَى نُزُلًا بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ ﴿19﴾ وَأَمَّا الَّذِينَ فَسَقُوا فَمَأْوَاهُمُ النَّارُ كُلَّمَا أَرَادُوا أَن يَخْرُجُوا مِنْهَا أُعِيدُوا فِيهَا وَقِيلَ لَهُمْ ذُوقُوا عَذَابَ النَّارِ الَّذِي كُنتُم بِهِ تُكَذِّبُونَ ﴿20﴾ وَلَنُذِيقَنَّهُمْ مِنَ الْعَذَابِ الْأَدْنَى دُونَ الْعَذَابِ الْأَكْبَرِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ ﴿21﴾ وَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّن ذُكِّرَ بِآيَاتِ رَبِّهِ ثُمَّ أَعْرَضَ عَنْهَا إِنَّا مِنَ الْمُجْرِمِينَ مُنتَقِمُونَ ﴿22﴾ وَلَقَدْ آتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ فَلَا تَكُن فِي مِرْيَةٍ مِّن لِّقَائِهِ وَجَعَلْنَاهُ هُدًى لِّبَنِي إِسْرَائِيلَ ﴿23﴾ وَجَعَلْنَا مِنْهُمْ أَئِمَّةً يَهْدُونَ بِأَمْرِنَا لَمَّا صَبَرُوا وَكَانُوا بِآيَاتِنَا يُوقِنُونَ ﴿24﴾ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ يَفْصِلُ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِيمَا كَانُوا فِيهِ يَخْتَلِفُونَ ﴿25﴾ أَوَلَمْ يَهْدِ لَهُمْ كَمْ أَهْلَكْنَا مِن قَبْلِهِم مِّنَ الْقُرُونِ يَمْشُونَ فِي مَسَاكِنِهِمْ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَاتٍ أَفَلَا يَسْمَعُونَ ﴿26﴾ أَوَلَمْ يَرَوْا أَنَّا نَسُوقُ الْمَاء إِلَى الْأَرْضِ الْجُرُزِ فَنُخْرِجُ بِهِ زَرْعًا تَأْكُلُ مِنْهُ أَنْعَامُهُمْ وَأَنفُسُهُمْ أَفَلَا يُبْصِرُونَ ﴿27﴾ وَيَقُولُونَ مَتَى هَذَا الْفَتْحُ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ ﴿28﴾ قُلْ يَوْمَ الْفَتْحِ لَا يَنفَعُ الَّذِينَ كَفَرُوا إِيمَانُهُمْ وَلَا هُمْ يُنظَرُونَ ﴿29﴾ فَأَعْرِضْ عَنْهُمْ وَانتَظِرْ إِنَّهُم مُّنتَظِرُونَ ﴿30﴾
अल्लाह, तो परोपकारी है, दयालु के नाम पर. (1)अलिफ्लाम्मीम.(इसपुस्तक की 2) इस रहस्योद्घाटन, इसमें कोई शक नहीं है, भगवान ने दुनिया की तरफ सेहै.(3)या फिर वे कहते हैं: वह इसे जाली है? इनकार! नहीं वॉर्नर तुम से पहले, कि वे सहीदिशा का अनुसरण मई आ गया है जिसके लिए वह अपने प्रभु से सच है कि आप लोगों को एकचेतावनी मई है.(4)अल्लाह वह कौन आकाश और पृथ्वी को बनाया और क्या उनके बीच छह अवधि में है, और वहसिंहासन प्राधिकरण () के mounted है, तुम उसके अलावा, आप तो बुरा नहीं लगेगाकिसी अभिभावक या किसी भी हिमायती नहीं है? (5)वह स्वर्ग और पृथ्वी से इस मामले को नियंत्रित है, तो वह उसे करने के लिए एक दिनहै जो की माप में बढ़ना चाहिए कि तुम क्या गिनती के एक हजार वर्ष है.(6)यह औरअनदेखी का Knower है, शक्तिशाली को दयालु, देखा(7)कौन उन्होंने कहा कि बनाया गया है सब कुछ अच्छा किया है, और वह धूल से मनुष्य कानिर्माण शुरू किया.(8)तब वह पानी प्रकाश आकलन में आयोजित की एक निकालने के बारे में उनकी संतान, बनादिया.(9)तो वह उसे पूरा कर दिया और उसे में उनकी आत्मा की सांस ली, और आप के लिए बनायाके कान और आँखों और दिल; छोटी बात है कि आप धन्यवाद देते हैं.(10)और वे कहते हैं: क्या! जब हम पृथ्वी में खो बन गए हैं, हम तो निश्चित रूप से एकनया निर्माण में किया जाएगा? इनकार! वे अपने प्रभु की बैठक में disbelievers हैं.(11)कहो: मौत का फरिश्ता जो तुम्हें मरने का कारण होगा, तो अपने प्रभु के लिए तुमवापस लाया जाएगा आप का प्रभार दिया गया है.(12)और तुम लेकिन जब दोषी अपने प्रभु से पहले उनके सिर नीचे रखता होगा: हमारे प्रभुको देख सकता था! हमने देखा है और हमने सुना है, इसलिए हमें वापस भेज, हम अच्छाहो जाएगा, निश्चित रूप से (अब) हम कुछ कर रहे हैं.(13)और अगर हम हम निश्चित रूप से हर आत्मा अपने मार्गदर्शन करने के लिए दिया जाताहै, पर खुश था शब्द (जो आगे चले गए थे) मैं तो बस: मैं निश्चित रूप से जिन्न औरपुरुष एक साथ भाड़ भर जाएगा से था.(14)तो स्वाद, क्योंकि आप अपने इस दिन की बैठक की उपेक्षा की, निश्चित रूप से हमतुम्हें छोड़; और तुमने क्या किया के लिए स्थायी अनुशासनात्मक सज़ा स्वाद.(15)केवल वे हमारी संचार में कौन है, जब वे उन में से, साष्टांग प्रणाम में गिर औरउनके यहोवा की स्तुति मनाने याद दिला रहे हैं विश्वास है, और वे गर्व नहीं कररहे हैं.(16)उनकी पक्षों से दूर (उनकी) बेड, वे अपने प्रभु पर कॉल डर में खींचना और उम्मीदमें हैं, और वे खर्च (benevolently) से हम उन्हें क्या दे दिया है.(17)तो नहीं आत्मा क्या उन्हें जो कि आँखों ताज़ा करेंगे के लिए छिपा हुआ है, और वेजो किया उसके लिए एक इनाम.(18)है तो वह है जो उसे पसंद है जो एक पापी है एक विश्वास है? वे समान नहींहैं.(19)के रूप में जो लोग विश्वास करते हैं और अच्छे के लिए, इस उद्यान के स्थायी स्थानहैं, और वे जो किया उसके लिए एक मनोरंजन.(20)के रूप में और उन लोगों के लिए जो अतिऋमण, उनके निवास की आग है, जब भी वे आगे सेवे वापस में लाया जाएगा, और यह उन से कहा होगा: जाने की इच्छा है जो तुम एक फोनकिया आग के स्वाद को अनुशासनात्मक सज़ा झूठ.(21)और सबसे निश्चित रूप से हम अधिक से अधिक अनुशासनात्मक सज़ा कि haply वे बारी मईसे पहले करीब अनुशासनात्मक सज़ा का उन्हें स्वाद कर देगा.(22)और की तुलना में वह जो अपने प्रभु के संचार की याद दिला दी है, जो और अधिकअन्यायपूर्ण है, तो वह उनसे दूर बदल जाता है? निश्चित रूप से हम दोषियों को सजादेंगे.(23)और निश्चित रूप से हम मूसा की पुस्तक दी है, इसलिए नहीं की शक के विषय में इसेप्राप्त करने की है, और हम इसे इज़राइल के बच्चों के लिए एक गाइड किया.(24)और हम उनमें से बनाया हमारा कमांड जब वे रोगी थे द्वारा मार्गदर्शन करने के लिए Imams, और वे हमारी संचार के कुछ थे.(25)निश्चित रूप से अपने प्रभु उनके बीच पुनरूत्थान का दिन है कि जिसमें वे अलग विषयपर न्यायाधीश जाएगा.(26)है कि नहीं उन्हें करने के लिए, सही रास्ता बात है कि कैसे इस पीढ़ी के बहुत से, वे के बारे में, हम उन्हें पहले नष्ट कर दिया जाना जिसके abodes में? ज्यादातरनिश्चित रूप से इस में संकेत कर रहे हैं, वे तो सुन नहीं होगा? (27)कहते हैं कि वे नहीं है कि हम एक देश नहीं घासें होने के लिए पानी ड्राइव देखतेहैं, तो हम आगे इस बीज लाने जो अपने पशुओं और वे खुद खाना, और वे फिर नहींदेखेंगे की उपज? यदिआप सच्चे हैं (28) और वे कहते हैं: जब यह निर्णय, जगह ले जाएगा? (29)कहो: न्याय जो (अब) उन्हें लाभ नहीं होगा नास्तिकता करना के विश्वास का दिन, औरन ही वे respited हो जाएगा.(30)इसलिए दूर से उन्हें और प्रतीक्षा कर रहे हैं, निश्चित रूप से वे भी प्रतीक्षाकर रहे हैं बारी.
عدل سابقا من قبل moon_light3 في الخميس سبتمبر 13, 2012 5:16 am عدل 1 مرات | |
|
روعة المنتدى نائبة المديرة
sms : الجنس : عدد المساهمات : 35966 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : بين من اختارهم قلبي العمل/الترفيه : مشرفه سابقا قسم الحمل والولاده والاستشارات الطبيه المزاج : هادئة جدا.
| موضوع: رد: سورة السجده-ترجمه هنديه الأربعاء سبتمبر 12, 2012 9:41 pm | |
| [وحدهم المديرون لديهم صلاحيات معاينة هذه الصورة] | |
|
moon_light3 نائبة المديرة
sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
الجنس : عدد المساهمات : 31908 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : القفطان المغربي العمل/الترفيه : طالبه المزاج : هادئه جدا
| موضوع: رد: سورة السجده-ترجمه هنديه الخميس سبتمبر 13, 2012 5:17 am | |
| [وحدهم المديرون لديهم صلاحيات معاينة هذه الصورة] | |
|
د.بشرى ادارة المنتدى ودكتورة طب عام
sms : لا تنس ذكر الله. الجنس : عدد المساهمات : 39326 تاريخ التسجيل : 09/06/2011 العمل/الترفيه : طبيبة عامة في القطاع الخاص. المزاج : هادئة جدا.
| موضوع: رد: سورة السجده-ترجمه هنديه السبت أكتوبر 06, 2012 8:46 pm | |
| طرح مميز جدا حبيبتي مووووووووووووووووووووون.. جعله الله في ميزان حسناتك ورزقك الفردوس الأعلى. | |
|
moon_light3 نائبة المديرة
sms : رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْداً وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
الجنس : عدد المساهمات : 31908 تاريخ التسجيل : 10/06/2011 الموقع : القفطان المغربي العمل/الترفيه : طالبه المزاج : هادئه جدا
| موضوع: رد: سورة السجده-ترجمه هنديه الثلاثاء نوفمبر 06, 2012 6:30 am | |
| | |
|